Considerations To Know About piles treatment hospital near me
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दिनभर खूब पानी पिएं और कैफीन या शराब जैसी चीजों से बचें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट करती हैं.
स्टूल गुआएक टेस्ट : इसमें मल के नमूने का विश्लेषण किया जाता है रक्त के किसी भी निशान का पता लगाने के लिए मल के नमूने का विश्लेषण किया जाता है।
इसमें भी असहनीय पीड़ा होती है, और रोगी दर्द से छटपटाने लगता है। मलत्याग करते समय, और उसके बाद भी रोगी को दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता, और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है। इलाज कराने से यह समस्या ठीक हो जाती है।
रबर बैंड लिगेशन, इंजेक्शन स्क्लेरोथेरेपी, इन्फ्रारेड जमावट, हेमोराहाइडेक्टोमी, स्टेपल्ड हेमोराइडोपेक्सी, लेजर सर्जरी
क्या बवासीर के लिए योग या व्यायाम मददगार होता है?
गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ गर्भाशय गुदा की नसों पर दबाव डालता है।
थेना नेचुरल वेलनेस: यह सिट्ज बाथ के लिए उपयोग की जाती है।
बवासीर को अक्सर उच्च प्रसार वाले सबसे आम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों में से एक माना जाता है। इसको स्थान और गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
अपने भोजन में हींग को शमिल करने से आपका पाचन सिस्टम सही बना रहता है और डाइजेस्टिव हेल्थ अच्छी बनी रहती है। हींग पाइल्स को ठीक करने में भी काफी योगदान देती है। हींग का सेवन आप अपनी सब्जी में डालकर या पानी में घोलकर कर सकते हैं।
शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में सर्जरी ही इसका एकमात्र समाधान है, और सर्जरी के बाद भी यह रोग दोबारा हो जाता है। इसलिए घरेलू उपचार और बेहतर जीवनशैली अपनाना चाहिए। इससे बवासीर के दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
अधिक फाइबरयुक्त आहार का सेवन करें, जैसे- रेशेदार फल एवं सब्जियाँ।
दस्त: बार-बार और लगातार दस्त की शिकायत click here होने पर बवासीर हो सकता है।
त्रिफला चूर्ण बवासीर के इलाज में बेहद फायदेमंद है।